दहकती हुई धूप में तरुवर का साया है, माँ के आँचल में ब्रह्मांड समाया है, मरूस्थल सी दहकती हुई धूप में तरुवर का साया है, माँ के आँचल में ब्रह्मांड समाया है...
याद है ना तुझको जब पहली मर्तबा चोट लगी थी तू तो रोया ही था साथ में वो भी रोई थी याद है ना तुझको जब पहली मर्तबा चोट लगी थी तू तो रोया ही था साथ में व...
कभी कठोर हो जाती है कभी कोमल होजाती है माँ सच मे ऐसी होती है कभी कठोर हो जाती है कभी कोमल होजाती है माँ सच मे ऐसी होती है
सोचता हूं कि कौन मेरे ऊटपटांग कपड़ों को अच्छा कहेगा? कौन अब बालों में हाथ फेर मुझे मे सोचता हूं कि कौन मेरे ऊटपटांग कपड़ों को अच्छा कहेगा? कौन अब बालों में हाथ फेर...
हर राह पर मेरा हाथ थामने वाली तू ही है माँ, तू ही है। हर राह पर मेरा हाथ थामने वाली तू ही है माँ, तू ही है।
माँ प्रभु का रूप है माँ सृष्टि का स्वरुप है माँ है जग में स्नेह की मूरत माँ ममताम माँ प्रभु का रूप है माँ सृष्टि का स्वरुप है माँ है जग में स्नेह की मूरत ...